मंगल देव राठौर – मध्य प्रदेश
नई दिल्ली। भारत सरकार के प्रेस पंजीकरण कार्यालय ने समाचार पत्रों के प्रकाशन को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है। नई गाइडलाइन (एडवाइजरी नं. 03/2025) के तहत अब केवल पीडीएफ फॉर्मेट में अखबार संचालित करना आसान नहीं होगा। गाइडलाइन के अनुसार, जो भी समाचार पत्र पीडीएफ के रूप में संचालित हो रहे हैं, उन्हें प्रिंट वर्जन में प्रकाशित करना अनिवार्य होगा। दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक समाचार पत्रों को उनके प्रिंट वर्जन को स्कैन करके 48 घंटों के भीतर प्रेस सेवा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। हर माह समाचार पत्र की कॉपी अपलोड करने के बाद संचालक को नियमितता प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इस प्रमाण पत्र के बिना समाचार पत्र को नियमित नहीं माना जाएगा। अगर किसी कारणवश कॉपी अपलोड नहीं की जाती है, तो समाचार पत्र को “अनियमित” घोषित कर दिया जाएगा। लगातार 12 माह तक अनियमित रहने पर समाचार पत्र का शीर्षक (टाइटल) रद्द किया जा सकता है।
इसके अलावा, प्रिंटिंग प्रेस को भी पाबंद किया गया है कि वे अपने यहां छपने वाले सभी समाचार पत्रों का रिकॉर्ड रखें और यह जानकारी अपलोड करें कि कितनी कॉपियाँ प्रिंट हुई हैं।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनुराग सक्सेना के अनुसार, पहले आरएनआई द्वारा 48 घंटों में कॉपी जमा करने का निर्देश दिया गया था, जिसका कई पत्रकार संगठनों ने विरोध किया था। सहारनपुर के सांसद फजिउर्हमान ने भी सरकार और सूचना एवं प्रसारण मंत्री को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी। इस विरोध के चलते सरकार ने पुरानी गाइडलाइन में संशोधन करते हुए नई गाइडलाइन जारी की है।
इस नई गाइडलाइन के जारी होने के बाद समाचार पत्र संचालकों में चिंता बढ़ गई है। केवल पीडीएफ के माध्यम से अखबार चलाने वाले संचारू