कोटवा( पूर्वी चम्पारण)
कोटवा( पूर्वी चम्पारण)प्रखंड के जसौली पट्टी में आयोजित होने वाला चंपारण सत्याग्रह महोत्सव को अगले बार से आयोजित होने वाले कार्यक्रम की राशि को 15 लाख रुपए की घोषणा कला संस्कृति युवा विभाग के मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने चंपारण सत्याग्रह महोत्सव के तीसरे दिन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।उन्होंने कहा कि उक्त कार्यक्रम के लिए सात लाख रुपए की राशि स्वीकृत था।जो उक्त कार्यक्रम के लिए छोटा था।उन्होंने कहा कि इसी गांव के किसानों ने 1917 के महात्मा गांधी को चंपारण एवं जसौली पट्टी आने के लिए मजबूर कर दिया। यहां के किसानों ने नीलहो के खिलाफ आवाज उठाई और अंग्रेजों के तीन कठिया प्रथा का विरोध शुरू कर दिया।और महात्मा गांधी को चंपारण आने के लिए मजबूर कर दिया।1917 में गांधी जी चंपारण आए और अपनी पहली यात्रा जसौली पट्टी के लिए की जहां किसानों की समस्याओं से अवगत होने का कार्यक्रम था। गांधी जी जसौली पट्टी के लिए निकले थे कि चंद्रहिया में अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सबसे रोचक बात यह रही कि जिस गांधी जी की याद में चंपारण सत्याग्रह महोत्सव मनाया गया।

उसे जिला प्रशासन उसी गांव में बगल में लगे महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना भूल गई। वही तीन दिवसीय कार्यक्रम में उद्घाटन से लेकर समापन तक स्थानीय सांसद जिले के कई विधायक भी शामिल हुए ।लेकिन निर्धारित कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए निर्धारित समय दिए जाने के बाद भी जिलाधिकारी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।लोगो की शिकायत पर मंत्री कला संस्कृति मंत्री ने कहा कि गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है परंतु इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी आगे आना चाहिये।उन्होंने इसके लिए खेद व्यक्त करते हुए दुबारा ऐसी गलती नाहो इसका ख्याल रखा जाएगा।साथ ही कार्यक्रम में जिलाधिकारी के एक दिन भी शामिल नही होने पर मंत्री ने इसे गभीरता से लिया और कहा कि कला संस्कृति विभाग इसके लिए डीएम को नोटिस जारी करेगा।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गन्ना मंत्री कृष्णनंदन पासवान ने कहा कि यह के किसान नेता बाबू लोमराज सिंह के नेतृत्व जो सत्याग्रह का बीज पनपा वह आगे चलकर देश को आजादी दिलाया।यहां की मिट्टी वंदनीय है।वह अपने विभाग से प्रयास करेंगे कि कोई भवन यहां बने।जिससे नई पीढ़ी अपनी पूर्वजों की त्याग एवं बलिदान से प्रेरणा लेती रहे।उन्होंने गन्ना किसानों के लिए किया जा रहे कार्यों को बताया।उससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक सचिंद्र सिंह ने जसोली पट्टी के अंग्रेजों के खिलाफ किसान नेता बाबू लोमराज सिंह सहित अन्य किसानों की बलिदानों को बताते हुए उन्हें याद किया।उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विगत 25 वर्षों से 14,15 और 16 अप्रैल में मनाया जाता रहा है।परंतु स्थानीय प्रशासन मनमाने तरीके से तिथि निर्धारित कर दिया।उन्होंने विभागीय मंत्री से यह महोत्सव पूर्व से निर्धारित तिथि ऐतिहासिक गांव जसौली पट्टी में आयोजित तीन दिवसीय चंपारण सत्याग्रह महोत्सव काफी रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति के बाद मंगलवार को संपन्न हो गया। जहां विद्यालय के बच्चों एवं आए हुए कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों को संगीत मय कार्यक्रमों से मंत्रमुग्ध कर दिया। मौके पर जिला प्रशासन की ओर से डीडीसी शम्भू शरण पांडेय, एडीएम शैलेन्द्र कुमार,एसडीएम श्वेता भारती,सीओ मोनिकाआनंद,डीपीओ माध्यमिक नित्यम गौरव ,थानाध्यक्ष राजरूप राय सहित कई प्रशानिक पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।