कोटवा/मोतिहारी।
कोटवा प्रखंड क्षेत्र के सागर चूरामन गाँव निवासी किसान प्रयागदेव सिंह के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जब उनके द्वारा लगाए गए सेब के पेड़ में पहली बार फूल आए। यह घटना न सिर्फ उनके लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बन गई है। इस सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है कि कठिन मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन से किसी भी नए कृषि प्रयास में सफलता पाई जा सकती है।
प्रयागदेव सिंह ने कई साल पहले सेब के पेड़ लगाने का निर्णय लिया था, जो इस क्षेत्र में एक नया और अनोखा प्रयास था। शुरुआत में इस कदम को लेकर कई आशंकाएँ थीं, क्योंकि कोटवा क्षेत्र का जलवायु और मृदा इस तरह की फसल के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती थी। लेकिन किसान सिंह ने हार नहीं मानी और आधुनिक कृषि पद्धतियों का इस्तेमाल करते हुए अपनी मेहनत को इस दिशा में समर्पित किया। अब उनके खेत में लगाए गए सेब के पेड़ में फूल आने लगे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि जल्द ही वहां सेब का उत्पादन शुरू हो सकता है। इस प्रयास ने क्षेत्र के किसानों को सेब की खेती के लिए प्रेरित किया। किसान प्रयागदेव सिंह की पहल ने सेब की खेती को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय किसानों को न केवल आवश्यक तकनीकी जानकारी दी, बल्कि उन्हें इस नई खेती की ओर आकर्षित किया।
किसान सिंह ने इस सफलता को लेकर कहा, “यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी खुशी की बात है कि मेरे द्वारा लगाए गए सेब के पेड़ में फूल निकले हैं। यह मेरी मेहनत का फल है और मुझे उम्मीद है कि आगामी जून और जुलाई तक फल अच्छे से पकेंगे। मैं चाहता हूँ कि मेरी यह सफलता अन्य किसानों को प्रेरित करे, ताकि वे भी नई और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर अपने खेतों में अच्छे परिणाम पा सकें।” उन्होंने आगे कहा, “मेरे लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, और मुझे खुशी है कि मैंने इस नए प्रयास को अपनाया। यह विश्वास और मेहनत का परिणाम है, और मुझे पूरा यकीन है कि इस पहल से अन्य किसान भी लाभान्वित होंगे। स्थानीय कृषि विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया स्थानीय कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सेब का उत्पादन सफलतापूर्वक होता है, तो यह इलाके के लिए एक महत्वपूर्ण कृषि लाभ हो सकता है। सेब की खेती उच्च मूल्य वाली फल उत्पादन की श्रेणी में आती है, और इसके अच्छे उत्पादन से किसानों को अच्छे लाभ की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेब की खेती को लेकर किसानों को अधिक जानकारी और मार्गदर्शन की आवश्यकता है ताकि वे इसे सफलतापूर्वक अपनी कृषि गतिविधियों में शामिल कर सकें।
आर्थिक और कृषि लाभ यदि सेब की खेती कोटवा क्षेत्र में सफल हो जाती है, तो यह इलाके के किसानों के लिए एक नया और लाभकारी स्रोत बन सकती है। सेब की खेती से जुड़ी उच्च गुणवत्ता की उपज किसानों को अच्छे दामों में बेचने का अवसर दे सकती है। इसके अलावा, यह किसानों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर सकती है और क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकती है। इसके अलावा, सेब के बागानों से पर्यटकों का आना-जाना भी बढ़ सकता है, जो स्थानीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा। भविष्य की संभावनाएँ
प्रयागदेव सिंह के इस सफल प्रयास ने कोटवा क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है। कई किसान अब उनसे सेब की खेती की विधियों और उनके अनुभवों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। यह बदलाव कृषि के क्षेत्र में एक नई दिशा का संकेत है, जो पुराने और पारंपरिक तरीकों से बाहर जाकर आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने की ओर बढ़ सकता है।