किसान प्रयागदेव सिंह बताते है कि डायबिटीज के मरीज भी कर सकते हैं इस आलू का सेवन, हार्ट के लिए रामबाण और कैंसररोधी गुणों से भरपूर. इस काले आलू में पाए जाने वाले कॉपर, मैंगनीज और फाइबर जैसे औषधीय तत्व, हार्ट, डायबिटीज, लीवर और फेफड़े के लिए फायदेमंद हैं. बिहार के कई जिलों के किसानों के अलावा यूपी, झारखंड और असम तक के किसानों को भेज रहे हैं काला आलू उन्होंने इसकी खेती में पारंगत हो चुके हैं और अब दूसरे किसानों को भी मदद पहुंचाना चाहते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि काले आलू की सब्जी भी पूरी तरह से जामुनी रंग की होती है, और इसका स्वाद सफेद आलू से बिलकुल अलग होता है काले आलू की खेती से किसान सफेद आलू की तुलना में तीन से चार गुना ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, डायबिटीज के मरीजों के लिए सफेद आलू नुकसानदायक हैं, लेकिन काला आलू उनके लिए फायदेमंद है. इसका सबसे बड़ा कारण इस आलू में पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट और फ्लोरिक एसिड है. पूर्वी चंपारण स्थित सागर चूरामन निवासी प्रयागदेव सिंह जी ने बताया कि साधारण आलू की तुलना में काले आलू में कार्बोहाइड्रेड की मात्रा 20 प्रतिशत तक कम होती है. ऐसे में डायबिटीज के मरीज भी इसका सेवन कर सकते हैं. इस काले आलू में पाए जाने वाले कॉपर, मैंगनीज और फाइबर जैसे औषधीय तत्व, हार्ट, डायबिटीज, लीवर और फेफड़े के लिए फायदेमंद हैं. खून की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए यह संजीवनी से कम नहीं है. साधारण आलू की तुलना में काले आलू की कीमत करीब चार गुना अधिक है. आधे एकड़ खेत में ही करीब 500 किलोग्राम तक आलू की पैदावार हो जाती है.