आधे गांव को फाइलेरिया पर सजग कर गयी राधा

-पहले समझाया फिर 30 घरों के परिवारों को खिलाई फाइलेरिया रोधी दवा
-स्वयं पिछले 15 सालों से हैं फाइलेरिया से ग्रसित

मुजफ्फरपुर। 3 मार्च
बोचहां में करीब 60 घरों वाला मनभीतर गांव पिछड़ों का इलाका है। स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर अभी भी यहां पुराने रीति रिवाज और भ्रम मान्यताओं में है। इसका असर यहां चलने वाले सर्वजन दवा सेवन पर भी पड़ा था। करीब आधे गांव यानी 30 घरों के परिवारों ने फाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन से मना कर दिया। गांव वालों के इस निर्णय से अभियान पर एक दाग सा लगने लगा था। तभी सरफुद्दीनपुर की फाइलेरिया मरीज और एक रोगी हितधारक मंच की राधा ने यह बात सुनी। उसे भी धक्का लगा। बीमारी से हुई अपनी परेशानी याद आने लगी। तभी वह मनभीतर गांव कूच करती है। आशा रीता कुमारी, सीमा कुमारी व आशा फैसीलिटेटर सुनीता से मिलती है। हर घर का दरवाजा खटखटाया। अंत में राधा गांव के माली टोला के 30 ऐसे घरों के परिवार को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलवाई जिन्होंने दवा खाने से मना कर दिया था। तीन भ्रम के बारे में गांव वालों ने था सुना आशा सीमा बताती हैं कि जब मैं दवा खिलाने गयी तो सभी दवा खाने से मना कर रहे थे। वे कह रहे थे कि हम स्वस्थ व्यक्ति क्यूं दवा खाएं। कोई कहता इन दवाओं पर हमारा कोई भरोसा नहीं। वहीं किसी को दवा खाने के बाद तबीयत खराब होने का डर भी सता रहा था। आशा फैसिलिटेटर सुनीता ने कहा कि सरफुद्दीनपुर की राधा जो खुद भी फाइलेरिया मरीज है। उन्होंने अपना उदाहरण देकर लोगों को दवा खिलाई बल्कि फाइलेरिया के बारे में उन्हें सचेत और जागरूक भी किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *